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आतंकवादियों को संरक्षण देती थी पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार: बृजलाल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आतंकवाद समर्थक बताया है। शनिवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर मीडिया से मुखातिब बृजलाल ने कहा कि सपा-बसपा सरकार में उत्तर प्रदेश इंडियन मुजाहिद्दीन और लस्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों का गढ़ बन गया था। अखिलेश सरकार आतंकी संगठनों के खिलाफ मुकदमे वापस लेती थी। पूरे कार्यकाल के दौरान उनका बचाव करती रही। नतीजा प्रदेश को अनगिनत आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा। आज योगी राज में अपराधी हों या आतंकी थर-थर कांपते हैं।

पूर्व डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद का आजमगढ़ माड्यूल देश ने ही नहीं, पूरी दुनिया ने देखा है। इंडियन मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन सक्रिय रहे। इंडियन मुजाहिदीन का सबसे बड़ा केंद्र आजमगढ़ था। उसका कमांडर बटला हाउस एनकाउंटर में मारा गया। आजमगढ़ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का कार्य क्षेत्र है। इन आतंकी संगठनों ने देश में 700 से ज्यादा घटनाओं को अंजाम दिया। उसमें 700 से अधिक लोग मारे गए। कचहरी ब्लास्ट, दशाश्वमेध घाट ब्लास्ट, शीतला घाट ब्लास्ट, जयपुर ब्लास्ट, अहमदाबाद ब्लास्ट, लोकल ट्रेन मुंबई ब्लास्ट जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। उन आतंकवादियों को अखिलेश सरकार संरक्षण देती थी। उन पर लगे 15 मुकदमे वापस लिये।

बृजलाल ने कहा कि आजमगढ़ आतंकवाद मॉड्यूल ने केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में आतंकी घटनाएं कीं। एटीएस का संस्थापक एडीजी रहा हूं। जब हम लोगों ने आजमगढ़ मॉडल को पकड़ा तो कांग्रेस भी आंसू बहा रही थी। सोनिया गांधी बटला हाउस को देख कर रो रही थीं। दिग्विजय सिंह ने तो आजमगढ़ को तीर्थ स्थल बना दिया था। इन आतंकवादियों को पकड़ा गया। जेल भेजा गया। जब अखिलेश सरकार आई तो उन्होंने कहा कि हम निर्दोष मुसलमानों पर से मुकदमे हटाएंगे। इसी के बहाने आतंकियों को बचाने का काम किया। बृजलाल ने सवाल किया कि वह आतंकवादी हैं। चार्जशीट लग चुकी है। आप (अखिलेश) कौन होते हैं मुकदमे वापस करवाने वाले। सांसद ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को मैं सलाम करता हूं, जिन्होंने सपा के षड्यंत्र को रोक दिया।

भाजपा नेता बृजलाल ने कहा कि 31 दिसंबर, 2007 की रात में सीआरपीएफ रामपुर सेंटर पर हमला हुआ था। उसमें सात सीआरपीएफ के जवान मारे गए थे। हमने आतंकवादियों को पकड़ा। उसमें लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर, पाकिस्तानी दो फिदाइन थे। अखिलेश सरकार ने उस केस को भी वापस लेने का प्रयास किया लेकिन अदालत ने अनुमति नहीं दी। उनमें से चार को फांसी की सजा, एक को आजीवन कारावास और एक को 10 वर्ष का कारावास हुआ। 23 नवंबर, 2007 को लखनऊ कचहरी में ब्लास्ट हुआ था। अयोध्या और वाराणसी में भी ब्लास्ट हुआ था। आतंकवादी पकड़े गए। उन आतंकवादियों के मुकदमे अखिलेश यादव ने वापस लिये।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि बाराबंकी हमले के आतंकियों को हम लोगों ने गिरफ्तार किया था। उसको भी अखिलेश सरकार की तरफ से वापस लिया गया लेकिन उस केस को भी अदालत ने वापस नहीं होने दिया। तीनों ब्लास्ट की घटनाओं में आजीवन कारावास हुई। हद तो तब हो गई जब 18 मई, 2013 को एक आतंकवादी लू से मर गया। वह फैजाबाद से लाया जा रहा था। अखिलेश सरकार ने मेरे और मेरे 42 कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम किया था। गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया था। संदेश साफ था, अगर आतंकवादियों की तरफ नजर डालोगे तो यही हाल होगा। जब एक मौजूदा डीजीपी पर मुकदमा कायम किया जा सकता है तो अन्य की क्या हैसियत होगी? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

बृजलाल ने कहा कि सपा सरकार में हमारी एसटीएफ और एटीएस को पंगु कर दिया गया था। आज हमारी एसटीएफ, एटीएस स्ट्रांग हुई है। पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। योगी सरकार में एटीएस के नए-नए सेंटर खोले जा रहे हैं। एसटीएफ और एटीएस को विस्तार किया जा रहा है। आज पूरा प्रदेश आतंकवादी घटनाओं से मुक्त है। सपा-बसपा के समय में उत्तर प्रदेश इंडियन मुजाहिदीन का केंद्र माना जाता था। आज उत्तर प्रदेश आतंकवादी घटनाओं से मुक्त है। इस प्रदेश में जहां तक अपराध की बात है, तो सभी प्रकार के अपराध पर ऐसी लगाम लगी है कि अपराधी और माफिया डरे हुए हैं। योगी सरकार का बुलडोजर उन्हें डरा रहा है। सैकड़ों करोड़ की अवैध सम्पत्ति जब्त की गयी या फिर बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त कर दी गई। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश सहमीडिया प्रभारी हिमांशु दुबे भी मौजूद रहे।

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