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प्रयागराज की प्रसिद्ध है कपड़ा फाड़ होली

प्रयागराज। इस वर्ष होली 18 एवं 19 मार्च को खेली जाएगी। वैसे तो होली के पूर्व संगमनगरी में प्रसिद्ध हथौड़ा बारात, मुद्गर प्रतियोगिता, दारागंज में दमकल युद्ध आदि कार्यक्रम होते हैं। इसमें प्रयागराज की प्रसिद्ध कपड़ा फाड़ होली दूसरे दिन ऐतिहासिक लोकनाथ में खेली जाती है। जहां हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होकर होली खेलते हैं।

होलिका दहन मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद से जुड़ा हुआ है। इसके चलते हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है। प्रत्येक स्थानों पर होली मनाने के अपने-अपने तरीके हैं। जैसे प्रयागराज में होली के पूर्व हथौड़ा बारात बड़ी धूमधाम से निकाली जाती है, जिसमें शहर के कई अधिकारी एवं व्यापारी शामिल होते हैं। इसी प्रकार दारागंज में मुद्गर प्रतियोगिता आयोजित होती है। इसमें एक लाख रुपये का ईनाम रखा जाता है। वहीं होली के दिन दारागंज के धकाधक चौराहे पर दमकल युद्ध होता है।

प्रयागराज की कपड़ा फाड़ होली विशेष प्रसिद्ध है, जो अन्य कहीं नहीं मनाई जाती। यह होली के ठीक दूसरे दिन ऐतिहासिक लोकनाथ चौराहे पर हजारों की संख्या में डीजे की धुन एवं पानी के फौव्वारों के बीच एक-दूसरे का कपड़ा फाड़ते हुए जमकर मस्ती होती है। कपड़ा फाड़ होली का अद्भुत नजारा देखने के लिए लोग छतों पर खड़े रहते हैं। लोकनाथ की ऐतिहासिक होली में शामिल होने के लिए सुबह से युवाओं की भीड़ जुटने लगती है।

चौक के अलावा शहर के अन्य मोहल्लों में होली का उल्लास चरम पर रहता है। कटरा, रामबाग, अल्लापुर, सिविल लाइंस, तेलियरगंज, साउथ मलाका, कीडगंज, बैरहना, प्रीतमनगर, कर्नलगंज में होलियारों की टीम उमंग में डूबी रहती है। दारागंज में भगवान बेनीमाधव मन्दिर से दमकल युद्ध भी होता है। होली के दूसरे दिन बिजली के तारों पर कपड़े के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता है। होली समाप्ति पर बिजली विभाग वालों को इसे हटवाना पड़ता है।

होली के दो दिन बाद चौक के ठठेरी बाजार में दो दिनों के लिए जाना प्रतिबंधित हो जाता है। यहां के लोग केवल आपस में जमकर होली खेलते हैं। इसके साथ ही होली पर विभिन्न संगठनों द्वारा भी समारोह आयोजित किये जाते हैं। जो महीनाभर चलता है। इसमें हास्य कवि सम्मेलन एवं विभिन्न कार्यक्रमों से लोग खुशी से सराबोर रहते हैं और जश्न मनाते हैं।

Yuva Media

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