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ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की तरफ से ईद मिलन समारोह कार्यक्रम किया गया।

भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज का इस शासनकाल में उत्थान होगा।

आज लखनऊ में  ईद मिलन समारोह परवेज हनीफ सरपरस्त ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की अध्यक्षता में गांधी भवन कैसरबाग लखनऊ में आयोजित किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि दानिश आजाद अनसारी अल्पसंख्यक, हज एवं वक्फ मंत्री रहे, विशिष्ट अतिथि अशफाक सैफी व चौधरी कैफुल वरा ने कार्यक्रम में शिरकत की। जिनके बहुमूल्य दिशा निर्देश से संगठन को मजबूती और प्रदेश में एक नया रचनात्मक वातावरण के साथ सांप्रदायिकता, अलगाववाद के विरूद्ध प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुस्लिम समाज के दबे, कुचले व पिछड़े वर्ग की मूलभूत आवश्यकता व सरकारी योजनाओं सहित एक जिला एक उत्पाद जैसी योजना भी मूल्य संवर्धन जिला मल्टी सेक्टोरल प्लान को और प्रभावी बनाकर स्वरोजगार से जोड़ने का अवसर मिलेगा। साथ ही अल्पसंख्यकों के वर्ष 2022-23 के बजट में अल्पसंख्यकों को दिये बजट का ऑल इण्डिया पसमांदा महाज स्वागत करता है तथा जिलों में इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये जिला प्रशासन के साथ रचनात्मक सहयोग पात्रों तक पहुंचने में मदद करे। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की विचाराधारा मुहम्मद के आखरी खुतबा, सुलह हुदबिया और मीसाक ए मदीना की विचाराधार पर आधारित है जिसमें देश की राष्ट्रीय एकता संप्रभुता व देशभक्ति के संदर्भ में भारतीय मूल के 85 प्रतिशत पसमांदा मुस्लिम समाज में बराबरी विकास के समुचित अवसर के लिये एक देश व्यापी पसमांदा बाहुल्य 100 जनपदों में ऐतिहासिक/सामाजिक न्याय की पहल की जा रही है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पसमांदा मुस्लिम बाहुल्य 30 जनपदों को जागरूक किया जाये जो सामाजिक न्याय हेतु इस अराजनैतिक संगठन का लक्ष्य व उद्देश्य है।
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज की कुल आबादी 16 प्रतिशत है और तथाकथित अशराफों की आबादी 4 प्रतिशत है। पसमांदा समाज मुसलमान भारतीय मूल की नद जातियों को कहते हैं जिनको मसलकी उलमाओं,, अशरफ बुद्धजीवियों एवं अशरफ राजनेताओं ने अपनी किताबों, फतवों एवम संबोधन में अजलाफ और अरजाल लिखा और बोला तथा विदेशी मूल के सैय्यद, शेख,पठान, मिर्जा, मुगल को अफजल और उत्कृष्ट घोषित किया। 800 साला मुगल एवं तथाकथित अशरफ शासनकाल में पसमांदा समाज को दबाकर रखा गया और उनके साथ वही व्यवहार किया गया जो हिंदू पिछड़े समाज के लिए किया था। मुगल से भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज का कोई सरोकार नहीं है। वह विदेशी अक्रांत थे। पसमांदा मुस्लिम समाज के लोग देश के प्रति समर्पित हैं और हमारा लक्ष्य है देश में सौहार्द और भाईचारा कायम करना। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने प्रण किया है कि हर हालत में देश में सौहार्द कायम रहे। इस के लिए महाज पहले चारण में उत्तर प्रदेश के 30 पसमांदा बाहुल्य जिलों (लिस्ट संकलित) में जिला गोलमेज पसमांदा सम्मेलन करके लोगों में देश और समाज के प्रति जागरूकता पैदा करना है। पसमांदा मुस्लिम समाज को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए सरकार एवं सरकारों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को उनके दरवाजे तक पहुंचाया जाएगा। जिससे पसमांदा मुस्लिम समाज को मुख्य धारा में शामिल करके देश और सामाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें। ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज का उद्देश्य भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज में राजनीतिक जागरुकता, आर्थिक स्वतंत्रता एवं समानता, शैक्षणिक जागरूकता, सामाजिक समता और सद्भाव तथा वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देना है।
भारत के संविधान में सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पसमांदा जातियों के पिछड़ेपन को दूर करके बराबरी में लाने हेतु संवैधानिक संकल्प लिया गया। किन्तु दुर्भाग्यवश कांग्रेस के शासनकाल में 10 अगस्त 1950 को प्रेसिडेंशियल ऑर्डर के द्वारा आर्टिकल 341पर धार्मिक प्रतिबंध लगा कर पसमांदा मुस्लिम समाज को पीछे कर दिया गया। सच्चर कमेटी ने 2005 में भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं शैक्षणिक स्थिति दलितों से बदतर बताया था। तथा मंडल कमीशन की सिफारिश पर 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला, जिससे पसमांदा मुस्लिम समाज की हालत में सुधार हुई है लेकिन उस तक नही हुई जितनी अपेक्षित थी। कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के शासनकाल में भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज की अनदेखी हुई है। इनके विकास, रोजगार व राजनैतिक भागीदारी में 75 वर्षों से उपेक्षा हुई है। विदेशी मूल के मुस्लिम समाज को सत्ता में भागीदारी के चलते विकास के बुनियादी मुद्दो, समाजिक न्याय बराबरी के सवैधानिक अवसरों की जगह धार्मिक उन्माद में भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज का दुरुपयोग धर्म के नाम पर किया है। ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज अराजनैतिक संगठन है जो समुदायिक सर्वागीण विकास जिले वार आवश्यकता और अपेक्षाओं के अध्ययन के लिये उत्तर प्रदेश में विधवत प्रयासरत है।
ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ यह कहने में संकोच नहीं करता है कि विगत 18 दिसम्बर 2003 को दलित, मुस्लिम के समान पिछड़ी जातियों को संविधान की धारा 341 में जोड़ने के लिये मौजूदा सरकार द्वारा एतिहासिक पहल करते हुए संसद में चर्चा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधनों व सरकार की कार्यप्रणाली में कुछ बयानों के जरिये पसमांदा विमर्श पर चर्चा की है। प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास‘ के स्लोगन साकार करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिसे ऑल इण्डिया मुस्लिम महाज अपेक्षा करता है कि भारतीय मूल के पसमांदा मुस्लिम समाज का इस शासनकाल में उत्थान होगा। कार्य योजना संगठन द्वारा वर्ष 2022-23 में उपरोक्त सामाजिक व सामुदायिक कार्य उद्देश्य से इन चयनित निम्नलिखित 30 जनपदों, जिनका उल्लेख सच्चर कमेटी में भी किया गया है। जिला गोल मेज पसमांदा सम्मेलन आयोति करना प्रस्तावित किया गया, जो सच्चर कमेटी ने नहीं किया, कार्य योजना की प्रारम्भिक तैयारी की जा चुकी है जिसमें सभी पिछड़ी जातियों जिनकी प्रतिनिधित्व निर्वाचित रूप से  त्रिस्तरीय पंचायत राज में ग्राम प्रधान, ब्लाक जिला पंचायत नगर प्रमुख व नगर पालिका परिषदों में है या पूर्व निर्वाचित सदस्य रहे हैं, गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता समाज सेवियों के साथ इन जिलों में इस पिछड़े वर्ग की सामाजिक आर्थिक स्वरोजगार के अवसर आवश्यकताएं उपलब्धियों पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित कर उसकी जिलावार स्थानीय विकास की अपेक्षाएं व उपलब्धियों पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित कर उसकी जिलावार स्थानीये विकास की अपेक्षाएं व उपलब्धियों पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित कर उसकी जिलावार स्थानीय विकास की अपेक्षाएं व उपलब्धियों पर उ0प्र0 शासन अल्पसंख्यक विभाग व भारत सरकार अल्पसंख्यक मंत्रालय को फीडबैक रिपोर्ट प्रेषित करना इस कार्य योजना का उद्देश्य होगा। आज आल इण्डिया पसमान्दा मुस्लिम महाज सभी चयनित 30 जिलों से मौजूद प्रतिनिधि आपका स्वागत करते हैं।
इन कार्यक्रमों में हिन्दू-मुस्लिम एकता व सामाजिक बराबरी, सामाजिक न्याय की संवैधानिक परिभाषा संकल्प के अनुरूप दीन-इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहब का आखिरी खुतबा और एक ईश्वर संकल्प दीन-इस्लाम और बहु ईश्वर संकल्प के हिन्दू धर्म के बीच इस्लाम के ऐतिहासिक कुरान में दर्ज सुलह हुदैबिया को भारतीय हिन्दू-मुस्लिम की एकता के सूत्र में बांधने के लिये इन अभिनव प्रयासों का जिला कार्यक्रमों में विशेष बल दिया जायेगा ताकि धर्म से सांप्रदायिक व विघटनकारी शक्तियों से पसमांदा समाज के 85 प्रतिशत वर्ग को सामुदायिक विकास, एकता व इस्लाम के वास्तविक रचनात्मक संकल्प से जोड़ते हुए हिन्दू-मुस्लिम एकता के सांस्कृतिक, सामाजिक परम्परागत समान मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके।
आपसे निवेदन है, कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संबंधित जनपद को आवश्यकक कार्य व प्रस्तावित कार्यों, यथा सम्भव प्रशासनिक सहयोगी हेतु निर्देशित करने का कष्ट करें ताकि जिला समन्वयक संगठन का प्रतिनिधि इस विकास से संबंधित उपेक्षित वर्ग के कार्यक्रम में सहयोग का आदान-प्रदान हो सके इन जिला स्तर पर महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आपकी गुरूतर भागीदारी भी अपेक्षित है।
आशा है कि हमें आप तथा सभी अल्पसंख्यक हिताय कार्यरत राज्य स्तर पर विधिक संस्थाओं का सहयोग इस महान सामाजिक न्याय विकास जागरूकता उद्देश्य के लिए प्राप्त होगा।

Yuva Media

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