अन्य खबर

ओमीक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने का खतरा ज्यादा लेकिन डेल्टा से हो सकता है कम घातक, WHO की लेटेस्ट रिपोर्ट की 10 खास बातें

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को कहा कि शुरुआती आंकड़ों से संकेत मिलता है कि ओमीक्रॉन (Omicron) कोविड वेरिएंट उन लोगों को अधिक और आसानी से दोबारा संक्रमित कर सकता है जो कोरोना वायरस से पहले संक्रमित हो चुके हैं या पिछले वेरिएंट आने से पहले वैक्सीन ले चुके हैं. हालांकि, WHO ने कहा कि नए वेरिएंट से उपजी बीमारी कम घातक हो सकती है.अब आपको WHO रिपोर्ट की उन 10 बातों के बारे में बताते हैं जो ओमीक्रॉन वायरस के बारे में विस्तार से बताती हैं.
1.विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने संवाददाताओं से कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका के उभरते आंकड़ों से पता चलता है कि ओमीक्रॉन के साथ पुन: संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. कुछ सबूत भी हैं कि ओमीक्रॉन डेल्टा की तुलना में मामूली बीमारी का कारण बनता है.’
2.केंद्र ने कहा कि ‘जोखिम’ देशों से आने वाले यात्रियों के भारत पहुंचने पर अनिवार्य आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना पड़ता है और यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज किया जाएगा.
3 WHO ने जोर देकर कहा कि ठोस निष्कर्ष निकालने से पहले और अधिक डेटा की आवश्यकता है. उन्होंने सभी देशों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने यहां निगरानी को बढ़ावा दें ताकि ओमीक्रॉन कैसे व्यवहार कर रहा है, इसकी स्पष्ट तस्वीर सामने लाने में मदद मिल सके.
4. उन्होंने कहा कि यह आंकलन तब आया जब नए वेरिएंट के म्यूटेशन के बाद वैश्विक चिंता बढ़ी, जिसने दर्जनों देशों को सीमा प्रतिबंध फिर से लागू करने के लिए मजबूर कर दिया है और आर्थिक रूप से हानिकारक लॉकडाउन वापसी की संभावना बढ़ा दी है.
5.ओमीक्रॉन से गंभीर बीमारी की कोई रिपोर्ट नहीं है. टेड्रोस ने वायरस के खिलाफ निगरानी कम करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही यह पता चल गया हो कि ओमीक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, लेकिन यह आत्मसंतोष मौत का कारण बन सकता है.
6.डब्ल्यूएचओ के आपात निदेशक माइकल रयान ने यह इंगित करते हुए सहमति व्यक्त की, कि अब तक डेटा इंगित करता है कि नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है, और शायद डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक तेजी से पसर रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस अजेय है बल्कि इसका मतलब है कि वायरस मनुष्यों के बीच फैलने में अधिक कुशल है. इसलिए हमें दूसरों की सुरक्षा के लिए खुद को बचाने के लिए संक्रमण की उन श्रृंखलाओं को तोड़ने के अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा.’
7. वहीं दक्षिण अफ्रीका में, सीरोप्रवलेंस 60 से 80% है जबकि टीकाकरण कवरेज 35% है. लेकिन ओमीक्रॉन तेजी से फैल गया है क्योंकि इससे पुन: संक्रमण का खतरा है.डब्ल्यूएचओ ने यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के पूर्वानुमान का हवाला दिया कि यदि 1% सार्स-कोव -2 संक्रमण ओमीक्रॉन संस्करण के कारण होता है, तो यह 1 जनवरी, 2022 तक यूरोप में प्रभावी हो जाएगा.
8.ओमीक्रॉन से किसी गंभीर बीमारी की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गंभीर बीमारी वाले रोगियों के प्रबंधन में इंटरल्यूकिन -6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के प्रभावी होने की उम्मीद है.
9.भले ही ओमीक्रॉन के खिलाफ टीके कम प्रभावी साबित हों, जैसा कि कुछ आंकड़ों से संकेत मिलता है, वे अभी भी गंभीर बीमारी के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद कर रहे.
10.डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही यह कम खतरनाक हो, फिर भी यह अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि ये तेजी से फैलता है.
Yuva Media

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button