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ज्ञानवापी विवाद: वादी पक्ष सहित शासकीय अधिवक्ता की याचिका पर कोर्ट आज करेगा सुनवाई

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी प्रकरण को लेकर कमीशन की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद कोर्ट ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए भले ही 2 दिन का समय दे दिया हो, लेकिन दो अलग मामलों में आज कोर्ट में सुनवाई होगी. यह सुनवाई जिला शासकीय अधिवक्ता की तरफ से सील की गई जगह के तीन अलग-अलग बिंदुओं समेत महिला वादियों की तरफ से दायर की गई याचिका पर न्यायालय में की जाएगी. हालांकि, आज की कार्यवाही को लेकर संशय की स्थिति भी हो सकती है, क्योंकि आज अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे.

कमीशन की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद मंगलवार को कोर्ट ने विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की याचिका पर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 2 दिन का वक्त दिया था. विशाल सिंह की शिकायत पर पहले वकील कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किए गए अजय मिश्रा को इस पूरी कार्यवाही से हटाकर विशाल सिंह को ही रिपोर्ट सबमिट करने का अधिकार कोर्ट ने दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 12 मई के बाद की गई सभी कार्यवाही की रिपोर्ट विशाल सिंह अपने सिग्नेचर से दाखिल करेंगे और उनके साथ सहयोगी के रूप में अजय प्रताप सिंह रहेंगे.

सारे कार्य विशाल सिंह की देख-रेख में ही संपन्न होंगे. वहीं, कोर्ट ने दो अन्य मामलों में सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि मुकर्रर की थी. इस बारे में जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि कोर्ट में दो याचिका और पड़ी थीं. इनमें पहली जिला शासकीय अधिवक्ता यानी मेरी तरफ से दी गई थी, इसमें तीन बिंदुओं पर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट करते हुए वहां एक वकील कमिश्नर भेजकर जांच पूरी कर आख्या मांगने के लिए कहा गया था.

इसमें शासन स्तर पर मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर वजू के स्थान के सील होने के बाद नए वजू के स्थान को तैयार करवाना. अंदर मौजूद शौचालय के बंद होने से नमाजियों को दिक्कत की वजह से नए स्थान पर शौचालय की व्यवस्था करना. जिस तालाब को सील किया गया है यानी जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है उसमें मौजूद मछलियों को पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित रखते हुए उनके जीवन की रक्षा करना. इन तीन बिंदुओं पर कोर्ट की तरफ से बुधवार 18 मई को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गई है.

सबसे बड़ी बात यह है कि इस तीन बिंदुओं को लेकर एक तरफ जहां वादी पक्ष की तरफ से मछलियों के मामले को छोड़कर अन्य दो पर आपत्ति जताई गई है तो मुस्लिम पक्ष की तरफ से तीनों मामलों में आपत्ति जताते हुए लिखित आपत्ति पत्र दाखिल करने के लिए कहा गया है. इसे लेकर आज मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ति पत्र दाखिल जा सकता है, लेकिन यदि मुस्लिम पक्ष की तरफ से आज आपत्ति पत्र दाखिल होगा तो जिला शासकीय अधिवक्ता भी इसका काउंटर दाखिल करेंगे.

वहीं, हिंदू पक्ष की तरफ से श्रृंगार गौरी प्रकरण में वादी महिला सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और राखी सिंह की तरफ से एक अन्य प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है. इसमें यह कहा गया है कि वकील कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान कुछ जगहों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. वादी पक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रतिवादी पक्ष की तरफ से तमाम रास्तों को बंद कर दिया गया था. दीवारें उठाकर मलवा फेंककर रास्ते में बाधा पैदा करने की कोशिश की गई थी. इसलिए इन दीवारों को हटाकर मलवा उठाकर यहां पर भी कमीशन की कार्यवाही पूरी की जानी चाहिए, जिस पर अदालत ने मंगलवार को बहस पूरी करते हुए बुधवार 18 मई को इस मामले में कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए बोला था.

Yuva Media

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