आर्थिक-शेयरबड़ी खबर

15 रुपये तक महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीज़ल, 13 साल की रिकॉर्ड ऊंचाई पर कच्चा तेल

आम आदमी को महंगाई का बड़ा झटका लग सकता है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इस हफ्ते बढ़ोतरी की संभावना है. तेल कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते चार महीने से अधिक समय तक कीमतें स्थिर रखी हैं. इससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें अंतर्राष्ट्रीय बाजारो में कच्चे तेल की कीमत 13 साल के उच्च स्तर 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है.

वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI Crude) फ्यूचर्स, यूएस ऑयल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो जुलाई 2008 के बाद से सबसे अधिक है. वहीं अंतर्राष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) 139.13 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो जुलाई 2008 के बाद का उच्चतम स्तर भी है. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर रिकॉर्ड 77.01 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया.

लग सकता है दोहरा झटका

आपको बता दें कि भारत अपनी तेल जरूरत का लगभग 85 फीसदी पूरा करने के लिए विदेशी खरीद पर निर्भर करता है, जिससे यह एशिया में तेल की ऊंची कीमतों के लिए सबसे कमजोर देशों में से एक है. तेल की कीमतों के दोहरे झटके लग सकते हैं. इस साल पहले ही तेल का भाव 60 फीसदी से अधिक चढ़ा है और कमजोर रुपया देश के वित्त को नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं आर्थिक सुधार को बढ़ा सकता है और मुद्रास्फीति को आग लगा सकता है.

15 रुपये तक महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल

उद्योग के सूत्रों ने कहा कि ईंधन खुदरा विक्रेताओं के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जरूरत है. 2017 से तेल की कीमतों को पिछले 15 दिनों में बेंचमार्क अंतर्राष्ट्रीय दर के अनुरूप रोज एडजस्ट किया जाता है, लेकिन 4 नवंबर 2021 से दरें फ्रीज हैं.

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) की जानकारी के मुताबिक, भारत द्वारा खरीदे जाने वाले कच्चे तेल का बास्केट 1 मार्च को 111 डॉलर प्रति बैरल से बढ़ गया है. यह चार महीने पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठंड के समय कच्चे तेल की इंडियन बास्केट के औसत 81.5 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में है.

इंडस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा, सोमवार को अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के साथ अब उम्मीद है कि सरकार राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं को रोजाना तेल की कीमतें रिवाइज करने की अनुमति देगी. लेकिन तेल कंपनियों से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वे पूरे नुकसान को एक बार में भरपाई नहीं करेंगी. वे हर दिन 50 पैसे प्रति लीटर से भी कम की बढ़ोतरी कर सकती हैं.

Yuva Media

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button