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वर्ष प्रतिपदा पर काशी दक्षिण भाग के आरएसएस स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन

  • संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस मनाया, आद्य सरसंघचालक प्रणाम, ध्वजारोहण

वाराणसी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा और भारतीय नववर्ष पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी दक्षिण भाग के स्वयंसेवकों ने संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार की जयन्ती मनाई। पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने एकत्रित होकर आद्य सरसंघचालक प्रणाम, ध्वजारोहण एवं संघ प्रार्थना के पश्चात सड़कों पर पथ संचलन किया। पथ संचलन माधव शाखा संघ स्थान से होते हुए बीएचयू ट्रामा सेंटर से नगवा चौराहा, रविदास गेट लंका होते हुए भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा बीएचयू सिंहद्वार से पुनः संघ कार्यालय पर समाप्त हुआ। पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवक अनुशासित रूप से कदम ताल और संचलन गीत गाते हुए चल रहे थे। अध्यक्षता गंगा नगर कार्यवाह दिनेश चंद्र पांडेय ने की। गणगीत शशि सिंह, अमृत वचन कौस्तुभ भट्ट, एकल गीत अतुल ने गाया। शारीरिक प्रमुख दिवाकर ने शाखा के कार्यक्रम कराए। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का परिचय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सुनील किशोर द्विवेदी ने किया।

जन्मजात क्रांतिकारी थे डॉ हेडगेवारः राजेन्द्र सक्सेना

आरएसएस के काशी दक्षिण भाग के गंगानगर की ओर से आयोजित वर्ष प्रतिपदा कार्यक्रम में संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के मुख्य मार्ग प्रमुख राजेंद्र सक्सेना ने भारतीय नव वर्ष की स्वयंसेवकों को बधाई दी। उन्होंने ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मां दुर्गा के अवतरण का दिन है, भगवान श्री राम के राज्याभिषेक का पावन पर्व है, गुरु अंगद देव का जन्मदिन है इसके साथ ही संत झूलेलाल का प्रकट महोत्सव भी वर्ष प्रतिपदा को है। इसी दिन विक्रमादित्य ने इस धरती से ग्रीक, हूण, शक यवन जैसे आततायियों को खदेड़ कर प्रयागराज संगम में राजसूय यज्ञ कर हिंदुत्व का झंडा गाड़ा, तब से विक्रम संवत प्रारंभ हुआ। इसी दिन 5124 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर सम्वत भी प्रारंभ हुआ, जिसे कलयुग कहते हैं। इसी दिन स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की तथा यह दिन हम सब संघ के स्वयंसेवकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 1889 को बलिराम की आंगन में मां रेवती के गर्भ से संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का भी जन्मदिवस हम सब मनाते हैं।

उन्होंने संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के बचपन का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि जब वे तीसरी कक्षा में पढ़ रहे थे। तभी रानी विक्टोरिया के राज्यारोहण पर बंटने वाली मिठाई के दोने को फेंक देना, सीताबर्डी किले से यूनियन जैक उतारने के लिए सुरंग खुदवाना तथा नील सिटी हाई स्कूल में वंदे मातरम के उद्घोष पर उन्हें विद्यालय से निष्कासित किया गया। वे जन्मजात देशभक्त एवं क्रांतिकारी थे। डॉ हेडगेवार के जयंती पर ही मानस नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता तेलंगाना प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह डॉ सुब्रमण्यम ने बताया की महामना और डॉ साहब एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे। महामना ने संघ कार्य के लिए समाज से धन लेने का परामर्श दिया पर उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक ही हमारी पूंजी हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वी उ.प्र. के क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र और संचालन रजनीश ने किया।

धर्म की रक्षा हम करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा – डॉ शुकदेव

रामनगर में कुटुंब प्रबोधन काशी प्रान्त के प्रान्त संयोजक डॉ शुकदेव ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि सच्ची देश भक्ति कुशल, अनुशासित, राष्ट्रभक्त, संस्कार के निर्माण के लिए संघ की शाखा में जाना होगा। भारतीय संस्कृति हिन्दुस्तान की धड़कन है। जयंती पर माधव नगर स्थित मुंशी प्रेमचन्द्र पार्क में आद्य सरसंघचालक प्रणाम के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के वक्ता काशी विद्यापीठ के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष श्रीराममूर्ति रहे। अध्यक्षता नगर संघचालक दशरथ ने की। कबीर नगर (लहरतारा औद्योगिक क्षेत्र) महेशपुर में मंगलबेला वाटिका में वर्ष प्रतिपदा उत्सव हर्षोल्लास के साथ उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता काशी विभाग के कार्यवाह त्रिलोक रहे। अध्यक्षता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र मोहन ने की। कार्यक्रम के उपरांत घोष वादन के साथ पथ संचलन हुआ,जो महेशपुर जी टी रोड, चांदपुर चौराहा होते हुए संघ स्थान पर समाप्त हुआ।

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