अन्य खबर

उत्तर प्रदेश अगले साल तक 14 नए मेडिकल कॉलेज से होगा लैस

  • 2017 से पहले प्रदेश में थे सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज, अब हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज
  • योगी सरकार में चिकित्सा क्षेत्र को मिली सौगात, नए साल में मिलेगी बूस्टर डोज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पिछले पांच सालों में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि यह इसी का परिणाम रहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य विभाग में कोई कमी नहीं महसूस हुई।

प्रवक्ता ने शनिवार को यहां बताया कि योगी सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में लिए गए बड़े फैसलों से प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात मिलेंगी। साल 2022 में प्रदेश के 75 जिलों में बीएसएल टू आरटीपीसीआर लैब, सीटी स्कैन यूनिट, डायलिसिस यूनिट के संचालन संग साल 2022-2023 तक 14 नए मेडिकल कॉलेज से यूपी लैस होगा।

वहीं, 16 पीपीपी मॉडल, दो एम्स, एक बीएचयू, एक एएमयू के अलावा 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से प्रदेश की चिकित्सीय सेवाओं में पंख लग रहे हैं। नए साल में प्रदेश को नए मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलने से एक ओर प्रदेश के अस्पतालों में रेफरल केसों में कमी आएगी तो वहीं दूसरे जनपदों के मरीजों को बड़े अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार का कार्यकाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वर्णिम युग लेकर आई है। 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां महज 12 मेडिकल कॉलेज थे वहीं योगी सरकार द्वारा सत्ता की कमान संभालने के बाद यूपी में तेजी से चिकित्सीय सुविधाओं में विस्तार किया गया। प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज’ के साथ प्रत्येक जनपद को चिकित्सीय सुविधाओं से लैस करने में जुटी है। साल 2022-2023 तक प्रदेश में लैब, सीएचसी पीएचसी का कायाकल्प, पीकू नीकू की स्थापना, हेल्थ एटीएम जैसी सुविधाओं से यूपी चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है।

14 जिलों में शिलान्यास प्रक्रिया जारी

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के 14 जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए शिलान्यास की प्रक्रिया जारी है। इनमें सुल्तानपुर, सोनभद्र, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, बिजनौर, कानपुर देहात, कुशीनगर, गोंडा, कौशांबी, ललितपुर, लखीमपुर खीरी और अमेठी जिले शामिल हैं। इन जिलों में साल 2022-2023 तक मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके साथ पीपीपी मोड पर बनने वाले 16 मेडिकल कॉलेज के तहत पहले चरण में प्रदेश सरकार ने दो जिलों के लिए दो निजी भागीदारों को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के महराजगंज और सम्भल जिले में निजी भागीदार में न्यूनतम 100 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। सरकार नीति के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन भी वितरित करेगी।

Yuva Media

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button