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गोरखपुर में पर्यटकों को मिलेगा नेचुरल ‘पिकनिक स्पॉट’, विकसित होगा नगर वन

  • 13 जिलों में 25 नगर वन और नगर वाटिका विकसित करने की है योजना
  • विश्व पर्यावरण दिवस पर गोरखपुर को मिलेगा नगर वन का उपहार

गोरखपुर। गोरखपुर में पर्यटकों को जल्द ही नेचुरल ‘पिकनिक स्पॉट’ का तोहफा मिलने वाला है। यहां के तिनकोनिया रेंज की रजही बीट में आरक्षित वनग्राम रामगढ़ कम्पार्ट नम्बर-2 में 50 हेक्टेयर में ‘नगर वन’ विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं इसके साथ 12 अन्य जनपदों में भी 25 ‘नगर वन’ व ‘नगर वाटिका’ विकसित करने की योजना है। प्रदेशवासियों को यह उपहार विश्व पर्यावरण दिवस पर मिलने वाला है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा के अनुरूप प्रदेश में इको टूरिज्म का दायरा और विस्तारित होगा। गोरखपुर समेत पांच जिलों को नगर वन (सिटी फॉरेस्ट) का उपहार मिलने जा रहा है। नगर वन के जरिये पर्यटकों को नेचुरल पिकनिक स्पॉट का आनंद मिलेगा। उम्मीद है कि 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नगर वन की वर्चुअल लांचिंग करेंगे। गोरखपुर का ‘नगर वन’ तिनकोनिया रेंज की रजही बीट में आरक्षित वन ग्राम रामगढ़ कम्पार्ट नम्बर-2 में 50 हेक्टेयर में बनाया जाएगा। नगर वन के लिए गोरखपुर में स्थल बुढ़िया माता मंदिर और विनोद वन के निकट है।

यहां वन विभाग का रेस्ट हाउस भी है। ऐसे में इसे शानदार इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। 50 हेक्टेयर में नगर वन विकसित करने पर दो-दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। गोरखपुर में स्वीकृत नगर वन योजना के अतिरिक्त गोरखपुर देवरिया मार्ग पर सूबा बीट में एक अन्य नगर वन योजना का प्रस्ताव भी बनाया गया है। यहां चिह्नित दोनों ही स्थल में साखू और सागौन का जंगल है। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की दृष्टि को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इस नगर वन की लांचिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।

पौधरोपण अभियान 2022 के तहत वन एवं पर्यावरण विभाग ने प्रदेश के 13 जनपदों में 25 नगर वन और नगर वाटिकाओं के विकास की योजना बनाई है। गोरखपुर में रजही के अलावा आगरा के ककरेठा, झांसी के भगवंतपुरा, रायबरेली के भादोखार इकसाना और अमरोहा के सिहाली में नगर वन सृजित होगा। इसके लिए राष्ट्रीय वनीकरण एवं पर्यावरण विकास बोर्ड की मंजूरी मिल चुकी है।

केंद्र देगा दो-दो करोड़: नगर वन के लिए केंद्र सरकार नेशनल कैम्पा के कॉरपस फंड से स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी को प्रत्येक परियोजना के लिए दो-दो करोड़ रुपये देगी। यह धनराशि 4 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मिलेगी। वन क्षेत्रों को चाहरदीवारी एवं तारबंदी से सुरक्षित किया जाएगा। ‘स्मृति वन’, ‘आरोग्य वाटिका’, ‘नक्षत्र वाटिका’ और ‘हरिशंकरी वाटिका’ बनाई जाएगी। इनके माध्यम से लोगों को वृक्षों और पेड़-पौधों की सृष्टि में महत्ता को बताया जाएगा। इतना ही नहीं जैव-विविधता के लिए नगर वन में अनेक प्रकार के सजावटी, झाड़ियां, बेलदार, औषधीय, पुष्प व फलों के पौधे लगाए जाएंगे। यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, साइकिल ट्रैक, पाथवेज, आपेन जिम, जागर्स पार्क, बेंच समेत जनसुविधाएं भी विकसित होंगी।

Yuva Media

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