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उप्र में नदी के हिसाब से मछलियों का तैयार किया जा रहा है आधार कार्ड : मत्स्य मंत्री

  • गंगा से निकलने वाले मछली बीज को गंगा में प्रवाह कर स्वच्छता को मिलेगा बढ़ावा

कानपुर। कानपुर में मत्स्य विभाग द्वारा गंगा बैराज स्थित अटल घाट पर रिवर रैंचिंग के तहत अंगुलिकाओं का प्रवाह कार्यक्रम का शुक्रवार आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चालीस हजार मत्स्य अंगुलिकाओं को गंगा नदी में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने गंगा में प्रवाह किया।

इस मौके पर मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे देश एक नवरत्न (रिसर्च सेंटर) है। ऐसा ही ज्ञान का एक रिसर्च सेंटर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी है। उस रिसर्च सेंटर में प्रदेश में मछलियों का भी एक आधार कार्ड रखा है। जहां कौन सी मछली किस प्रकार की है, इसकी जानकारी होती है। इस गंगा की मछली से निकलने वाले बीज को इस गंगा में प्रवाह करने का अवसर मिला है।

उन्होंने बताया कि 2 महीने तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है। इसके लिए भी अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करूंगा। इस पर ध्यान रखें कि कहीं पर भी मछली न पकड़ी जाए। गंगा मैइया को स्वच्छ बनाने के लिये आज गंगा नदी में मछलियों को प्रवाह किया जा रहा है।

देरी से पहुंचने पर मछलियों ने तोड़ा दम

गंगा बैराज स्थित अंगुलिकाओं के प्रवाह कार्यक्रम में एक घंटे देरी से मत्स्य मंत्री पहुंचे। इस बीच गंगा में प्रवाह को आई कुछ मछलियों ने दम तोड़ दिया। जैसे ही मंत्री बैराज पहुंचे वैसे ही आनन-फानन में विभागीय अधिकारियों ने मछलियों के पैकेट को खोल कर गंगा में प्रवाह किया। हालांकि इस दौरान कुछ मृत मछलियां भी गंगा में प्रवाह कर दी गई।

Yuva Media

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